
मामला कट्ठीवाड़ा राजेन्द्र आश्रम में बच्ची के आत्महत्या का
पहली घटना से नही लिया सबक,दूसरी ने बढ़ाई चिंता ,जिम्मेदार मोन
आश्रम छोड़ बाकी बच्चियां घर
आदिवासी संगठनों ने उठाई आवाज
आलीराजपुर—राकेश तंवर
जिले की सुरम्य वादियों में सालों से संचालित होता राजेंद्र आश्रम आजकल चर्चा का केंद्र बना हुआ है। चर्चा में 43 दिन के अंदर दो बच्चियों की मौत का मामला आश्रम की व्यवस्था और उसके तौर तरीकों पर सवालिया निशान उठा रहा है।
।
क्या है मामला-–आश्रम में पिछले 7 साल से रह कर 11 वर्षीय कक्षा 5 वी में पढ़ने वाली धक्कापुरा निवासी छात्रा ने कमरे के वेंटिलेटर पर कपड़े के फंदे से सोमवार को आत्महत्या कर ली। घटना की जानकारी मिलते ही परिजन सहित अन्य लोग तुरन्तआश्रम पहुँचे।

इसके बाद कलेक्टर डॉ बेडेकर, एसपी राजेश व्यास के साथ प्रशासनिक अमला ने घटना स्थल पहुँच कर देर रात तक वस्तुस्थिति जानने का प्रयास किया। आश्रम को लेकर विभिन्न टीम बना कर जांच कराने के निर्देश दिए गए।वही घटना को लेकर आदिवासी संगठनों ने आश्रम की व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए निष्पक्ष जांच करने की मांग प्रशासन से की है।
पहली बच्ची की संदिग्ध अवस्था में मौत के बाद ना तो जिला प्रशासन ने और ना ही आश्रम के व्यवस्थापकों ने इस घटना की गहराई से जांच करवाई और ना ही जिम्मेदारों के खिलाफ कोई कार्यवाही की । लेकिन समय के च्रक ने सबको संतुष्टि के भाव से सरोबोर कर दिया। फलस्वरूप लापरवाही के चलते 43 दिन के अंदर दूसरी 11 साल की गुड़िया ने आखिरकार फांसी के फंदे पर झूलते हुए अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।

कलेक्टर, एसपी हुए सख्त–—- जिले के एक ही आश्रम में लगातार दूसरी बच्ची की मौत के बाद जिला प्रशासन के मुखिया कलेक्टर डॉ अभय अरविंद बेडेकर और पुलिस अधीक्षक राजेश व्यास ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए आश्रम की संचालन करने की संपूर्ण व्यवस्था के साथ अन्य बिंदुओं की गहराई से जांच करने का निर्णय लिया गया है। 2 एफएसएल टीम भी घटनास्थल पहुँच कर जांच कर रही है।

क्लेक्टर ने जिला पंचायत सीईओ के नेतृत्व में टीम गठित कर जांच करने के निर्देश दिए है।
हालांकि घटना के 24 घंटे बाद भी जिला प्रशासन के जिम्मेदार इस घटना में किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुँच सके है, लेकिन वह मानते हैं कि इस बार हमारे लिए यह घटना चुनौती पूर्ण है। और हम इसका हर हाल में सूक्ष्म जांच करवाकर नतीजे पर पहुंचने का प्रयास करेंगे।
आदिवासी संगठन ने उठाई आवाज—--भील सेना के संस्थापक शंकर बामनिया ने घटना की निंदा करते हुए कहा है कि 43 दिनों में 2 लड़कियों की सन्दिग्ध स्थिति में मौत पर आश्रम की व्यवस्था पर सवाल उठ रहे है ।आदिवासी नेता बामनिया ने प्रशासन को घटना की निष्पक्ष जांच करने का निवेदन किया है । नही तो संगठन को मजबूरी में उग्र आंदोलन करने मजबूर होना पड़ेगा।। 6 अगस्त को पहली घटना के बाद क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों सहित अन्य ने राजेन्द्र आश्रम की संचालन व्यवस्था में बदलाव करने के साथ ही आश्रम परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग की थी ,लेकिन संस्था व्यवस्थापक ने इस और ध्यान नही देते हुए लापरवाह बने रहे।