धर्मांतरित जनजातियों को आरक्षण के लाभ से वंचित करने की मांग ने पकड़ा जोर जनजाति सुरक्षा मंच ने राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

आलीराजपुर। अनुसूचित जनजाति के लोगों द्वारा अपना धर्म परिवर्तन करने के बाद भी उन्हें अनुसूचित जनजाति के कोटा का लाभ मिलता है जिसके चलते समाज के लोग समुचित लाभ से वंचित रह जाते हैं और जिन लोगो को वास्तव में आरक्षण का फायेदा मिलना चाहिए था मिल नहीं पाता। जनजाति सुरक्षा मंच के जिला संयोजक नरीन मोरी ने संविधान में निहित तथ्यों के आधार पर जानकारी देते हुए बताया कि अगर को व्यक्ति अपनी जनजाति धर्म को छोडकर ईसाई या ईस्लाम धर्म अपनाता है तो उसे अनुसुचित जनजाति नहीं समझा जाकर संविधान में निहित आरक्षण से वंचित रहेगा। इस तारतम्य में जनजाति सुरक्षा मंच जिला आलीराजपुर के तत्वाधान में देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम का ज्ञापन एसडीएम को सौंपा।
जनजाति सुरक्षा मंच द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया कि धर्मान्तरित जनजातियों को आरक्षण सुविधायें दिये जाने के विरूद्ध में तत्कालिन बिहार के जनजाति नेता एंव लोकसभा सदस्य/ केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय कार्तिक उरांव द्वारा तत्कालिन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को 1970 में एक आवेदन दिया था। इस बात को लगभग 50 वर्ष पूर्ण हो चुके है। इस आवेदन को ना ही लोकसभा के पटल पर रखा गया था ना ही खारिज़ किया गया था ऐसे ही वह आवेदन ठंडे बस्ते में चला गया था। 235 लोकसभा सदस्यों के हस्ताक्षरों से युक्त इस आवेदन के संबंध में स्वर्गीय कार्तिक उरांव जन्म दिवस के अवसर पर गुरुवार सरकार को पुनः याद दिलाना आवष्यक हो गया है। वास्तविक जनजातियों के साथ हो रहे इस अन्याय के खिलाफ जनजाति सुरक्षा मंच वर्षाे से लड़ते आया है। अभी तक बहुत से सुविधाओं का धर्मांतरित लोगो द्वारा उपभोग किया जाता रहा है जो अािर्थक और षैक्षणिक दृष्टि से वास्तविक जनजातियों से तुलना में काफी कुछ अच्छे स्थिति में है। जनजाति सुरक्षा मंच यह मांग करता है कि काफी विलंब हो चुकने के बावजुद उपर बताये गए दिषा में संषोधन करना अत्यंत आवष्यक है।इस संबंध में जनमत संग्रह करने हेतु जनजाति सुरक्षा मंच ने 2015 में एक हस्ताक्षर अभियान चलाया था जिसमें देषभर के 18 वर्ष ऊपर के आयुवाले 27.67 लाख जनजाति लोगो ने हस्ताक्षर किया। उसके के बावजूद भी निराषा ही हाथ लगी। हाल ही में लोकसभा के एक सदस्य के द्वारा इस विषय को उठाने का सराहनीय कदम स्वागत योग्य है। देष की आजादी के 73 वष्र बीत जाने के बावजूद भी आज धर्मांतरित जनजातियों के लोग आरक्षण की सुविधा का भरपूर अधिकत अनुचित लाभ उठा रहे है। एक बार भी जनजाति सुरक्षा मंच द्वारा आगे आते हुए देष के राष्ट्रपति और लोकप्रिय प्रधानमंत्री के नाम एसडीएम लक्ष्मी गामड को ज्ञापन सौंपा। पांच दषकों से लंबित इस समस्या के समाधान हेतु प्राथमिकता के आधार पर अनुसूचित जनजातियों के साथ हो रहे इस अन्याय को हमेषा के लिए समाप्त कर धर्मातरित लोगो को अनुसूचित जनजाति की सूची से हटाने हेतु ष्षीघ्र ही आवष्यक संषोधन करे ताकि वास्तविक जनजाति के जीवन में 73 वर्ष से छाए हुए अंधेरे को हटाते हुए आशा की नई किरणें उनके जीवन में आ सके।

राकेश तंवर आलीराजपुर 
मोबाइल नंबर 9685904696

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