मामला सोने के सिक्कों के चोरी का—-

मामला सोने के सिक्के चोरी का
जिम्मेदार पुलिस पर आरोपी पुलिस भारी, नही मिले सोने के सिक्के,अब एसपी ने बदली रणनीति
ये गम्भीर प्रकृति का अपराध,जल्द मिलेंगी सफलता–एसपी
आलीराजपुर—राकेश तंवर
सोने के सिक्के कांड में सोने के 240 सिक्के चोरी करने के मामले में पुलिस 8 दिन की पूछताछ के बाद भी कोई जानकारी हासिल नहीं कर सकी। जिम्मेदार पुलिस पर आरोपी पुलिस भारी पड़ती दिख रही है, क्योंकि आरोप पुलिस चोरी उगलवाने के सारे कथकंडे जानते है इसलिये थर्ड डिग्री भी असरकारी नही रही ।
सोने के सिक्कों का पता लगाने के लिए पुलिस को कोर्ट से नार्को, ब्रेन मैपिंग व पॉलीग्राफ टेस्ट की अनुमति मिली। पुलिस ने आरोपितों को कोर्ट में पेश कर दिया कोर्ट ने सभी को जेल भेज दिया है पुलिस अब तकनीकी जाचो के सहारे हैं पुलिस को उम्मीद है कि इससे सच सामने आ सकेगा।

इस संबंध में एसपी राजेश व्यास ने बताया कि यह प्रकरण काफी गंभीर प्रकृति का है। इसमें हमने जो आरोपीत पुलिस के कर्मचारी है चारों आरोपित को रिमांड पर पूछताछ भी की है और अब ज्यूडिशियल रिमांड पर है। इस पूरे प्रकरण में हमने कई पहलुओं पर विवेचना की है, और आने वाले समय में पुलिस के साइंटिफिक टूल्स होते हैं। उसका भी उपयोग कर पूछताछ करेंगे। इसके लिए कोर्ट से भी अनुमति ली है ब्रेन मैपिंग, नार्को एनालिसिस टेस्ट उन सभी का उपयोग करेंगे। इसके अलावा पुलिस के मूखबिर तंत्र को भी लगाया है।
। एसपी ने बताया कि किसी भी समाज के किसी भी पक्ष को इस विषय पर यदि कोई जानकारी हो तो हमारे पास में आकर बता सकता है यह पूरी तरह से गोपनीय रखा जाएगा और पुलिस का पूरा प्रयास रहेगा कि इस पूरे प्रकरण में जल्दी से जल्दी खुलासा हो।

       बता दे कि अलीराजपुर जिले के सोंडवा पुलिस थानें के तत्कालीन थाना प्रभारी विजय देवड़ा, प्रधान आरक्षक सुरेश चौहान, आरक्षक राकेश और वीरेंद्र सिंह के खिलाफ पुलिस ने आदिवासी महिला से 240 सोने के सिक्के चुराने का मामला दर्ज किया था।

        करीब 35 दिन फरार रहने के बाद  आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था। आरोपितों से पूछताछ में पुलिस सिक्कों के संबंध में कोई भी जानकारी हासिल नहीं कर पाई कोर्ट ने पहली बार 5 दिन की डिमांड पर आरोपितों को सौपा था, हालांकि इस अवधि में पुलिस कोई जानकारी हासिल नहीं कर सकी। इस पर 31 अगस्त को कोर्ट ने अवधि बढ़ाते हुए 8 सितंबर तक की रिमांड दी थी पुलिस ने इससे पहले ही आरोपितों को 3 सितंबर रविवार को ही कोर्ट में पेश कर दिया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

सुरक्षा कारणों के चलते आरोपितों को 4 सितंबर सोमवार को जिला जेल अलीराजपुर से केंद्रीय जेल बडवानी शिफ्ट किया गया था।

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