असाडा राजपूत समाज ने शिक्षको को किया सम्मानित–
आदर्श शिक्षक वही जो आचरण से शिक्षा दे—बह्मा कुमार नायरायन भाई
आलीराजपुर–— आदर्श शिक्षक वही जो अपने आचरण से शिक्षा दें। मनुष्य के पास विचार शक्ति एक ऐसी अनुपम स्वागत है, जो सारे जानवरों से श्रेष्ठ अपनी कृति मनुष्य बन सकता है। हम अपनी सोच को सकारात्मक और शक्तिशाली बना दे, तो जीवन में कोई भी समस्या का नामो निशान नहीं रहे।
उक्त विचार असाडा राजपूत समाज द्वारा आयोजित शिक्षक दिवस पर शिक्षक सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त करते हुए ब्रम्हा कुमार नारायण भाई ने व्यक्त किया।
ब्रह्मा कुमार नारायण भाई ने कहा कि शिक्षक का सही अर्थ अपने अंदर की प्रतिभा को बाहर निकलना ना कि बाहर की सूचनाओं को अंदर डालना सारे विश्व के प्रति वासुदेव कुटुंब की भावना जागृत करना आपस में प्यार बढ़ता ना कि करने और करने की भावना पैदा करना आज आवश्यकता है।
अपनी सोई हुई आंतरिक शक्तियों को जागृत करने की शिक्षा के साथ-साथ अगर हम स्वयं को जान स्वयं की शक्तियों को राजयोग के द्वारा जगह करें तो यही मानव देव बन जाएगा।
अपनी आंतरिक शक्ति खोजने का प्रयास करें—इस अवसर पर सांसद अनिता नागरसिंह चौहान ने कहा कि आज हम यह सुनिश्चित करें कि भौतिक जगत के ज्ञान के साथ साथ हम अपने आंतरिक जगत को भी खोजने का प्रयास करें।सांसद चौहान ने कहा कि आज मुझे खुशी हो रही है कि राजपूत समाज मे सभी शिक्षक वर्ग इकठ्ठा हुए है। यह हमारे शहर के लिये गर्व का विषय है ।मैं भी एक शिक्षक के रूप में अपना जीवन आरम्भ कर आज इस मुकाम पर पहुँची हु।इसलिये जनता की समस्याओं का समाधान ही मेरे जीवन का उद्देश्य है ।
शिक्षा के साथ संस्कार आवश्यक—- कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पुलिस अधीक्षक राजेश व्यास ने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षा के साथ-साथ सुसंस्कार आवश्यक है। इस पर हमें चिंतन करना होगा कि शिक्षा और विवेक दोनों का संदेश बनाकर हम आगे बड़े तभी जीवन परिपूर्ण बन सकेगा।
समाज अध्यक्ष रिंकेश तंवर ने कहा कि समाज के काफी सदस्य शिक्षा महकमे से जुड़े है। इसलिये समाज का भी एक विद्यालय होना चाहिए।
कार्यक्रम के सूत्रधार अरुण गेहलोत ने कहा कि प्रत्येक वर्ष शिक्षक दिवस पर समाज के सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों का सम्मान किया जाता हैं।
समाज के मीडिया प्रभारी उमेश वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम के आरम्भ में अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती और सर्वपल्ली राधाकृष्णन की प्रतिमा का पूजन कर दीप प्रज्वलित किया।सरस्वती वंदना काशी पवार,प्रिंसी वाघेला, चहक परिहार,अभिसी वर्मा ने प्रस्तुत की।
वर्मा ने बताया कि कार्यक्रम में श्रीमती उषा भाटी,श्रीमती वन्दना भाटी, लक्ष्मी सोलंकी को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को सुरभि जैन,ब्रह्माकुमारी माधुरी बहन,भेरूसिंह चौहान ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम का संचालन अविनाश वाघेला ने किया और आभार नायरायन वर्मा ने किया।