कलेक्टर के निर्देश हुए हवा हवा——

मामला शिक्षा विभाग का——– प्रधानाचार्य को निलंबित करने के
कलेक्टर के निर्देश हुए हवा हवाई—-
सहायक आयुक्त भूले ,न सूचना पत्र न कार्यवाही कैसे सुधरेंगी जिले की शिक्षा व्यवस्था
आलीराजपुर—-राकेश तंवर
जिले की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने कलेक्टर ने जिले के एसडीएम को स्कूलों का औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए थे ।उसी तारतम्य में आलीराजपुर एसडीएम तपीस पाण्डे ने 31 जनवरी को जिला मुख्यालय की तीखी इमली और प्रतापगंज स्कूल का निरीक्षण किया था।जिसमे तीखी इमली स्कूल बंद पाई गई थी ।वही प्रतापगंज स्कूल में प्रधानाचार्य के 4 दिनों से स्कूल नही आने की जानकारी मिली थी।
इस पर एसडीएम पाण्डे ने कलेक्टर डॉ अभय अरविंद बेडेकर को स्कूल की वस्तुस्थिति से अवगत कराया तो कलेक्टर ने प्रधानाचार्य चंद्रलेखा प्रजापति को तुरंत निलंबित करने के मौखिक निर्देश दिए ।


अब गेंद सहायक आयुक्त संजय परवाल के पाले में थी ,लेकिन लगभग 11 दिनों के बाद भी चंद्रलेखा प्रजापति को न तो कारण बताओ सूचना पत्र दिया और न ही निलंबन की कार्यवाही की । जबकि इस प्रकरण में कलेक्टर डॉ बेडेकर के निर्देश होने के बाद भी आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त संजय परवाल ने निलंबन की कार्यवाही नही की ।
कलेक्टर के प्रयासों पर अधिकारियों की कुंडली— जिले में शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विभिन्न स्कूलों में स्कूल समय पर नहीं लगने, शिक्षकों के स्कूलों में नियमित नहीं जाने के साथ विभिन्न प्रकार की बातें सुनाई औऱ पढ़ी जाती रही है। इसी को देखते हुए कलेक्टर डॉक्टर अरविंद बेडेकर ने उदासीन और लापरवाह शिक्षको के कार्य व्यवहार में सुधार के लिए एसडीएम को स्कूलों के निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए थे।
महत्वपूर्ण बात है कि स्कूलों में मिलती विसंगतियों को देखते हुए उसमें सुधार के निर्देश भी दिए जाते रहे हैं। बावजूद प्रतापगंज स्कूल की प्रधानाचार्य चंद्रलेखा प्रजापति चार दिनों से स्कूल नहीं आए और उस पर कलेक्टर के निलंबित करने के मौखिक निर्देश के बाद भी जिले के सहायक आयुक्त संजय परवाल मौन बने रहते हैं,तो फिर इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस जिले की शिक्षा व्यवस्था प्रदेश में पिछड़ी क्यों है ।
बहरहाल स्कूली शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों का लगातार लचर रवैया होने के कारण स्कूलों में विसंगतियों की जानकारी लगातार आती रहती है।
कलेक्टर के निर्देश के बाद भी स्कूली शिक्षा विभाग के जिम्मेदार क्यों मोन बने हुए है। ऐसे में कलेक्टर डॉ बेडेकर का अगला कदम क्या होगा देखना दिलचस्प होगा।

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