वन मंत्री की पहल से राजधानी से जिलों में पहुँचा वन मेला—-

वन मंत्री की नवाचारी पहल
अब भोपाल के साथ सभी जिलों में लगेंगे वन मेले
जंगलों में छुपी भाजी,जड़ी बूटियां की पहचान कर ओषधि के रूप में बनाएँगे वैद्य

आलीराजपुर—– जिला मुख्यालय पर वन विभाग के तत्वाधान में तीन दिवसीय वन मेले का आयोजन मंडी परिसर में किया जा रहा है।


वन मेले की जानकारी देते हुए डीएफओ मयंक सिंह गुर्जर ने बताया कि कृषि उपज मंडी परिसर में 22 फरवरी से 25 फरवरी तक तीन अधिवेशन वन मेला आयोजित किया जा रहा है 1 मेले में जंगलों की छुपी जड़ी बूटियां के साथ स्वास्थ्य के लिए कारगर भाजी की पहचान कर प्रदेश भर के वैद्य औषधि बनाकर आम लोगों के लिए स्वास्थ्य का सहारा बनेंगे।
डीएफओ मयंक गुर्जर ने प्रेस वार्ता में बताया कि तीन दिवसीय वन मेले में प्रदेश के विभिन्न जिलों से वन औषधि के जानकारी वेद स्वास्थ्य के लिए लाभदायक वन औषधि बनाकर लेंगे जिनके माध्यम से लगभग 50 स्टॉल पर उन औषधीय का आम लोगों में प्रचार प्रसार करने के लिए किया जाएगा वही फन मेले में भगोरिया नृत्य की प्रतियोगिता आयोजित भी की गई है जिसमें स्कूली बच्चे अपनी शानदार प्रस्तुति से लोगों का मन होने का प्रयास करेंगे इसके साथ ही पान मिले का समापन कवि सम्मेलन के साथ होगा।


मंत्री की पहल और प्रदेश से जिले में पहुँचा मेला—– दरअसल वन मेला वन विभाग और मध्य प्रदेश राज्य वन लघु निगम के संयुक्त तत्वाधान में 2011 से लगातार प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित होता रहा है लेकिन स्थानीय विधायक और प्रदेश सरकार में वन मंत्री नागर सिंह चौहान ने मंत्री बनने के बाद प्रदेश मुख्यालय के साथ सभी जिलों में वन मेले के आयोजन करने का निर्देश दिया। इसके पीछे मंत्री नागर सिंह चौहान का मानना है कि कि प्रदेश में बड़ी मात्रा में वन औषधियां है जिनको चिन्हांकित करके औषधि के रूप में आम जनता के सामने उसके बनाने के तरीके और उससे होने वाले लाभों की जानकारी वन मेले में स्टाल लगाकर दी जाएगी ।
कमोबेस कोरोना काल की त्रासदी के बाद परदेसी नहीं भारत भर के लोगों का रुझान वन औषधि की तरफ बड़ा है प्रदेश के साथ देश में बहुत बड़े वन क्षेत्र होने के कारण उसमें प्रचुर मात्रा में वन औषधियां होती है लेकिन उनकी जानकारी आम लोगों को नहीं होने के कारण उनका समुचित उपयोग नहीं होता है इसलिए वन मंत्री की इस पहल के बाद एक तरफ प्रदेश के जंगलों में अबूझ पहेली बनी कई जड़ी बूटियां वैद्यो के संपर्क के माध्यम से लोगों के स्वास्थ्य का कारक बनेंगे।

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