बालिका क्रिकेटर बालको के छुड़ा रही पसीने
रिद्धि की सिद्धि ने बटौरी सुर्खिया
कलेक्टर ने सौपा हौसले बढ़ाने का चेक
आलीराजपुर—- एक नन्ही सी बालिका बालकों के बीच कदम मिलाते हुए उनके पसीने छुड़ा दे, तो इसे हम क्या कहेंगे। कमोबेश जिले की एक ऐसी क्रिकेटर रिद्धि ने अपनी परिश्रम की सिद्धि से सुर्खिया बटौरी तो कलेक्टर डॉ बेडेकर ने भी उभरती प्रतिभा को हौसले बढ़ाने का चेक सौपा।।
जी हाँ जिले की होनहार बालिका क्रिकटर रिद्धि मूर्ति को उसके लगन, परिश्रम और प्रतिभा के चलते कलेक्टर डॉ अरविंद बेडेकर ने रेड क्रॉस सोसायटी से क्रिकेट सामग्री हेतु 30 हजार रु मदद का चेक क्रिकेटर रिद्धि को सौपा।
6 साल से कड़ी मेहनत-— उभरती क्रिकेटर रिद्धि मूर्ति 5 वर्ष की उम्र से लगातार कड़े परिश्रम करते हुए क्रिकेट की नियमित प्रैक्टिस कर रही है।बरसात का बरसता पानी हो,सूर्य के तेज की विचलित करती गर्मी हो या फिर कड़कड़ाती ठंड हो क्रिकेटर रिद्धि के संकल्प से मौसम कभी बाधा नहो बना,और ना ही किसी तरह की कौताही ।लगातार कड़ी मेहनत और नियमित प्रेक्टिस ही मूलमंत्र रहा है।उसका परिणाम यह रहा की बालकों के साथ क्रिकेट खेलती ऑलराउंडर क्रिकेटर रिद्धि मूर्ति बालकों के पसीने छुड़ा रही है। रिद्धि मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के तत्वाधान में नरसिंहपुर और मन्दसौर मे आयोजित राज्य स्तरीय अंडर 15 प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुकी है। इंदौर संभागीय क्रिकेट प्रतियोगिता सहित विभिन्न स्तर की प्रतियोगिता में बालको के बीच अपनी प्रतिभा का का जलवा बिखेरती रही है।
उम्र बनती बाधा—- जन्मजात प्रतिभाशाली क्रिकेटर रिद्धि मूर्ति की गिनती होनहार क्रिकेटर के रूप में की जाती रही है लेकिन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के नियम के अनुसार 13 वर्ष की आयु के पश्चात ही बड़े आयु के क्रिकेट टूर्नामेंट में सम्मिलित हो सकती है इसके चलते कई बार नियमों के चलते बड़े टूर्नामेंट में खेलने से वंचित होना पड़ा पिता वेंकट मूर्ति की माने तो इस तरह की स्थिति के चलते नहीं खेलने के कारण बेटी रिद्धि के मां को ठेस पहुंची लेकिन उसने अपने परिश्रम में किसी तरह की कोताही नहीं बरती। लेफ्ट हैंड बॉलर ओर राइट हैंड बेस्टमेन रिद्धि मूर्ति को ओपनिंग बेटिंग करना पसंद है ।